पटना उच्च न्यायालय द्वारा डीएवी पब्लिक स्कूल के खिलाफ कड़ा आदेश जारी किया डीएवी पब्लिक स्कूल के पास झूठ बोलने के अलावा

*पटना उच्च न्यायालय ने डीएवी के खिलाफ उठाया कड़ा कदम अधिवक्ता दीपक कुमार सिन्हा का मेहनत रंग लाया*
सीडब्ल्यूजेसी नंबर 11491/2022। बोइधू लाल व अन्य बनाम सीबीएसई व अन्य पटना 11.01.2023। न्यायमूर्ति संजीव प्रकाश शर्मा की अध्यक्षता वाले पटना उच्च न्यायालय ने नालंदा में सीबीएसई, बिहार राज्य और डीएवी स्कूल प्रबंधन के साथ-साथ डीएवी पब्लिक स्कूल पावर ग्रिड कैंपस, बिहारशरीफ से एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है और संबंधित स्कूल को आगे निर्देश दिया है कि कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाए। 2006 से स्वीपर के रूप में तैनात दोनों याचिकाकर्ता बयधु लाल और विजय कुमार के खिलाफ वेतनमान और अन्य परिणामी लाभ के नीचे नियत वेतन पर बिहार राज्य या केंद्रीय सरकार के खिलाफ कानून के खिलाफ लिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता श्री दीपक कुमार सिन्हा ने माननीय अदालत के समक्ष अपने तर्क को आगे बढ़ाया है कि मौखिक बर्खास्तगी के खतरे के तहत दो सफाईकर्मियों को इतनी लंबी अवधि से बंधुआ मजदूर माना जाता है, हालांकि यह सीबीएसई, बिहार राज्य की मान्यता से पहले अनिवार्य प्रावधान है। निजी स्कूल को इस शर्त पर कोई आपत्ति नहीं है कि गैर शिक्षण कर्मचारियों या शिक्षण कर्मचारियों को बिहार राज्य या केंद्र सरकार के वेतनमान के अनुसार वेतन का भुगतान किया जाना चाहिए अन्यथा संबद्धता को रद्द करने की आवश्यकता है। श्री सिन्हा, आगे तर्क देते हैं कि सभी निजी स्कूल। अवैध रूप से उसी को अपनाया है और शिक्षा विभाग, बिहार सरकार और सीबीएसई मान्यता न होने के कारण इस मामले में सो रहा है और निजी स्कूल अपने स्वयं के शिक्षण और गैर-शिक्षक कर्मचारियों का शोषण करने के लिए स्वतंत्र हैं।
 एडवोकेट श्री दीपक कुमार सिन्हा ने डीएवी प्रबंधन के संकल्प की ओर इशारा किया है कि कार्यकाल / अतिरिक्त नियुक्ति का जीवन केवल 230 दिनों का है, उसके बाद वे नियमित कर्मचारी के रूप में बने रहेंगे लेकिन वे शिक्षा के प्राधिकरण की मिलीभगत से स्कूल प्रबंधन की छत्रछाया में अपने ही आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। डीएवी के अन्य विद्यालयों में अनेक मामला इसी तरह का है लेकिन कार्यरत कर्मचारी अपने लाचारी में अपना मामला को उजागर नहीं करते है पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि  न्यायालय के पास सारा शक्तियां प्राप्त है और किसी भी मामले में संज्ञान लिया जा सकता है । शिक्षा विभाग, बिहार सरकार इस मामले में विद्यालय को पैसा के बल पर No Objection Certificate बिना जांच किए दिया जाता है पटना उच्च न्यायालय इस मामले को लेकर कड़ा रुख अपनाया है और आगे डीईओ को भी संज्ञान लिया जायेगा ।

पटना उच्च न्यायालय द्वारा डीएवी पब्लिक स्कूल के खिलाफ कड़ा  आदेश जारी किया  डीएवी पब्लिक स्कूल के पास झूठ बोलने के अलावा
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