*भाकपा माओवादी का चर्चित पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा और अनिल को गया से किया गया गिरफ्तार; नक्सली संगठन को भारी झटक

औरंगाबाद निवासी व भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा और नक्सली अनिल यादव को गया से गिरफ्तार किया गया है। माओवादी नेता प्रमोद मिश्रा पर झारखंड पुलिस ने सरकार को एक करोड़ के इनाम का प्रस्ताव दे रखा है।बिहार के गया में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता सह पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव को बिहार एसटीएफ, गया पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी गया जिले के टिकारी थाना क्षेत्र में हुई है। हालांकि इससे पहले प्रमोद मिश्रा को झारखंड पुलिस द्वारा झारखंड से गिरफ्ता करने की जानकारी मिली थी। गिरफ्तारी के बाद सीआरपीएफ की कोबरा टीम प्रमोद से पूछताछ कर रही है। उसकी निशानदेही पर नक्सली संगठन से जुड़े अन्य सहयोगियों और हथियारों का पता लगाने के लिए गया जिले के इमामगंज, बांकेबाजार और डुमरिया थाना क्षेत्र में एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था प्रमोद मिश्रा
इधर, गया के वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने बताया कि विगत दिनों से आसूचना प्राप्त हो रही थी कि कुख्यात नक्सली प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव टिकारी अनुमंडल के विभिन्न थाना क्षेत्रों में भ्रमणशील रहकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। इस सूचना के सत्यापन और आवश्यक कार्रवाई के लिए वरीय पुलिस अधीक्षक गया ने एक विशेष टीम (गया पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसी) का गठन किया। इस दल ने प्रभावी आसूचना संकलित कर कुख्यात नक्सली प्रमोद मिश्रा पिता दिवंगत तपेश्वर मिश्रा गांव कासमा थाना कासमा जिला औरंगाबाद और अनिल यादव पिता अर्जुन यादव सा० असुरइन थाना लूटूआ जिला गया को गिरफ्तार कर लिया। उक्त दोनों गिरफ्तार नक्सली कई मामलों में वांछित आरोपित हैं। उक्त दोनों नक्सलियों के खिलाफ मामला दर्ज कर और पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जा रही है

बिहार के
औरंगाबाद निवासी व भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा और नक्सली अनिल यादव को गया से गिरफ्तार किया गया है। माओवादी नेता प्रमोद मिश्रा पर झारखंड पुलिस ने सरकार को एक करोड़ के इनाम का प्रस्ताव दे रखा है।
 

बिहार के गया में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता सह पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव को बिहार एसटीएफ, गया पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी गया जिले के टिकारी थाना क्षेत्र में हुई है। हालांकि इससे पहले प्रमोद मिश्रा को झारखंड पुलिस द्वारा झारखंड से गिरफ्ता करने की जानकारी मिली थी। गिरफ्तारी के बाद सीआरपीएफ की कोबरा टीम प्रमोद से पूछताछ कर रही है। उसकी निशानदेही पर नक्सली संगठन से जुड़े अन्य सहयोगियों और हथियारों का पता लगाने के लिए गया जिले के इमामगंज, बांकेबाजार और डुमरिया थाना क्षेत्र में एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है

बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था प्रमोद मिश्रा
इधर, गया के वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने बताया कि विगत दिनों से आसूचना प्राप्त हो रही थी कि कुख्यात नक्सली प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव टिकारी अनुमंडल के विभिन्न थाना क्षेत्रों में भ्रमणशील रहकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। इस सूचना के सत्यापन और आवश्यक कार्रवाई के लिए वरीय पुलिस अधीक्षक गया ने एक विशेष टीम (गया पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसी) का गठन किया। इस दल ने प्रभावी आसूचना संकलित कर कुख्यात नक्सली प्रमोद मिश्रा पिता दिवंगत तपेश्वर मिश्रा गांव कासमा थाना कासमा जिला औरंगाबाद और अनिल यादव पिता अर्जुन यादव सा० असुरइन थाना लूटूआ जिला गया को गिरफ्तार कर लिया। उक्त दोनों गिरफ्तार नक्सली कई मामलों में वांछित आरोपित हैं। उक्त दोनों नक्सलियों के खिलाफ मामला दर्ज कर और पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस ने सरकार को भेजा एक करोड़ के इनाम का प्रस्ताव
जानकारी के मुताबिक, कुछ साल पहले पुलिस ने माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का मुख्यालय कहे जाने वाले झारखंड के सारंडा के जंगलों में दबिश डाली थी। उस वक्त प्रमोद मिश्रा वहां मौजूद था, जो पुलिस को चकमा देकर वहां से निकल भागा था। इसके बाद से झारखंड की पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए हाथ धोकर उसके पीछे पड़ी थी। झारखंड की पुलिस प्रमोद मिश्रा को गिरफ्तार करने के प्रति किस हद तक गंभीर थी। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पुलिस ने उस पर एक करोड़ के इनाम का प्रस्ताव झारखंड सरकार को भेज रखा था।

संगठन में पद को लेकर चल रहा था विवाद
प्रमोद मिश्रा की दूसरी बार गिरफ्तारी नक्सली संगठन के लिए एक बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि प्रमोद मिश्रा झारखंड के सारंडा स्थित भाकपा माओवादी के झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो के कमांडर यानी सुप्रीमो पद की रेस में थे। इस पद के लिए मिश्रा के अलावा माओवादियो के पोलित ब्यूरो के एक और सदस्य मिसिर बेसरा भी दावेदार थे। कहा यह भी जा रहा है कि इस पद को लेकर दोनों में रस्साकशी चल रही थी। इसे लेकर संगठन में भी विवाद चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी को इस विवाद से भी जोड़कर देखा जा रहा है। दर्जनों मुकदमों में से किसी में भी प्रमाणित नहीं हुआ आरोप
पहली बार प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी झारखंड से हुई थी। दूसरी बार भी गिरफ्तारी गया से ही हुई है। 2006 में भाकपा माओवादी का पोलित ब्यूरो सदस्य बनने के बाद पहली बार उसकी गिरफ्तारी 2008-09 में हुई थी। गिरफ्तारी के बाद लंबे समय तक वह औरंगाबाद समेत बिहार के छपरा और अन्य जेलों के अलावा दूसरे राज्यों की जेलों में रहा। इस दौरान उस पर दर्ज मुकदमों की लंबे समय तक सुनवाई चली। लेकिन किसी भी मुकदमें में उस पर कोई आरोप प्रमाणित नहीं हो सका। आखिरकार अंतिम तौर पर औरंगाबाद से ही उसकी रिहाई हुई। रिहाई के बाद प्रमोद मिश्रा अपने गांव कासमा में ही अपने नाम पर एक आश्रम प्रमोदाश्रम बनाकर रह रहा था।प्रमोदाश्रम से अचानक गायब हुआ माओवादी नेता
एक साल तक वे आश्रम में ही रहा, लेकिन पांच-छः साल पहले वह अचानक आश्रम से इस कदर गायब हुआ कि परिजनों तक को पता नहीं चला। गायब होने के बाद यह माना गया कि आश्रम में रहना उसके लिए खतरे से खाली नहीं रह गया था। लिहाजा वह भूमिगत होकर फिर से संगठन में चला गया। इसके बाद बिहार के औरंगाबाद और आसपास के जिलों के अलावा झारखंड के सीमावर्ती जिलों में होने वाली हर नक्सली घटना में प्रायः उसका नाम आता रहा। इस तरह से भूमिगत होने के बाद से ही बिहार में औरंगाबाद और आसपास के जिलों के विभिन्न थानों में उस पर दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज हो गए।कहा जा रहा है कि नक्सली कमांडर संदीप यादव के जिंदा रहने तक प्रमोद मिश्रा झारखंड की सीमा पर स्थित बिहार के छकरबंधा के जंगली इलाके में माओवादियों के संगठन को मजबूत करने में लगा था। जून 2022 में छकरबंधा के इलाके को सुरक्षाबलों ने जब खाली करा दिया तो यह खबर निकल कर सामने आई थी कि प्रमोद मिश्रा सारंडा चला गया है। इसके बाद पुलिस को भी यह पता नहीं चल पा रहा था कि प्रमोद मिश्रा कहां है। उसके बाद आज ही यह पता चला कि गया से प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी हुई है

 

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